MP, MLA, MLC, PM, CM का फुलफॉर्म और इनके बारे में जानकारी

आपने MP, MLA, MLC, PM, CM आदि शब्दों को सुना होगा या कहीं न कहीं पढ़ा जरूर होगा जैसे टीवी पर या अख़बार में।

अगर आपको इन सब के बारे में पता नहीं है और आप इनके बारे में जानना चाहते है तो आज हम आपको इन सभी का फुलफॉर्म और इनके बारे में कुछ जरूरी जानकारी देने वाले है।

MP का फुलफॉर्म (Full form of MP)

MP का Full form Member of Parliament होता है। हिंदी में इसका मतलब अर्थात फुल फॉर्म संसद का सदस्य होता है। MP को सांसद भी कहा जाता है।

full form of MP Member of Parliament

MP के बारे में (About MP)

संसद के सदस्यों को सांसद या MP कहा जाता है। संसद के दो सदन है - लोकसभा और राज्यसभा। लोकसभा या राज्यसभा के सदस्यों को ही MP कहते है।

लोकसभा के सदस्यों का चुनाव आम जनता द्वारा किया जाता है। लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

लोकसभा सांसद बनने के लिए न्यूनतम उम्र 25 वर्ष होनी चाहिए।

वर्तमान में लोकसभा के 543 सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। लोकसभा संसद अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है।

लोकसभा में वे सरकार से सवाल पूछते है और अपने स्थानीय मुद्दों को उठाते है। लोकसभा सांसद केंद्र सरकार में मंत्री भी बनते है।

राज्य सभा के सदस्यों को भी MP कहा जाता है। राज्य सभा में 250 सदस्य होते है - राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 238 सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा नामित 12 सदस्य।

राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन आम जनता द्वारा नहीं किया जाता है। इसके सदस्यों को राज्य के विधानसभा के सदस्यों यानी विधायकों द्वारा चुना जाता है। ये राज्य का प्रतिनिधित्व करते है।

राज्यसभा सांसद बनने के लिए न्यूनतम उम्र 30 वर्ष होनी चाहिए।

इस सदन के सदस्यों को भी केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।

राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। राज्यसभा एक स्थायी सदन है। ये कभी विघटित नहीं होता है। प्रत्येक दो वर्ष में इस सदन के एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत हो जाते है और नए सदस्य निर्वाचित किये जाते है।

MLA का फुलफॉर्म (Full form of MLA)

MLA का Full form Member of Legislative Assembly होता है। हिंदी में इसका मतलब अर्थात फुलफॉर्म विधानसभा का सदस्य होता है। MLA को विधायक भी कहा जाता है।

full form of MLA Member of Legislative Assembly

MLA के बारे में (About MLA)

भारत के प्रत्येक राज्य में एक विधानसभा होती है जो उस राज्य के लिए कानून का निर्माण करती है। विधानसभा के सदस्यों को विधायक या MLA कहा जाता है।

विधानसभा के सदस्यों का चुनाव राज्य की जनता करती है। प्रत्येक राज्य को कई विधानसभा क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है। विधानसभा की हर सीट से एक विधायक चुना जाता है।

कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है और जिसकी उम्र 25 वर्ष से अधिक है वह विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है और विधायक बन सकता है।

विधानसभा चुनाव में आम जनता वोट डालते है और अपनी पसंद का Candidate को अपना विधायक चुनती है। 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी नागरिक वोट दे सकता है।

विधायकों का मुख्य कार्य है अपनी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना। वह विधानसभा में अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाता है।

सरकार से अपने क्षेत्र के विकास के लिए सवाल करना और सरकार को अपनी क्षेत्र की मुद्दों से अवगत कराना भी विधायक का कार्य होता है।

इसके अलावा वह अपने क्षेत्र में MLALAD (Member of Legislative Assembly Local Area Development Scheme) के तहत विकास का कार्य करता है।

एक विधायक कई जिम्मेदारियाँ निभाता है। वह राज्य सरकार में मंत्री बन सकता है। वह मुख्यमंत्री भी बन सकता है। इसके अलावा वह ऐसे पद पर रह सकता है जो लाभ का पद न हो।

एक विधायक को कई सुविधाएँ मिलती है। उसे मासिक वेतन मिलता है। हर राज्य में विधायकों को अलग-अलग वेतन मिलता है। वेतन के अलावा उन्हें कई तरह के भत्ते मिलते है। ऑफिस के स्टाफ से लेकर पर्दे की धुलाई तक का पैसा उन्हें सरकार की तरफ से मिलता है। उन्हें कई ट्रेन और हवाई यात्राएँ मुफ्त में मिलती है। इसके अलावा विधानसभा से सस्ते दर पर लोन भी मिलता है।

MLC का फुलफॉर्म (Full form of MLC)

MLC का Full form Member of Legislative Council होता है। हिंदी में इसका मतलब अर्थात फुलफॉर्म विधान परिषद का सदस्य होता है। MLC को विधान पार्षद या विधायक भी कहा जाता है।

full form of MLC Member of Legislative Council

MLC के बारे में (About MLC)

भारत के प्रत्येक राज्य में कानून निर्माण की जिम्मेदारी विधानमंडल की होती है। कुछ राज्य में यह एक सदनीय व्यवस्था है तो कुछ राज्यों में द्वि-सदनीय।

विधानसभा और विधान परिषद राज्य विधानमंडल के सदन होते है। विधानसभा को निचली सदन और विधान परिषद को ऊपरी सदन कहा जाता है।

यह भी पढ़े: विधान परिषद क्या है ? विधान परिषद सदस्य संख्या - 2023

विधान परिषद के सदस्यों को MLC कहा जाता है। वर्तमान में भारत के 6 राज्यों में विधान परिषद है। भारत में आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद है।

नवंबर 2019 में जम्मू-कश्मीर की विधान परिषद को ख़त्म कर दिया गया।

विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से आम जनता द्वारा नहीं होता है। विधान परिषद का एक सदस्य (MLC) स्थानीय निकायों, राज्य विधान सभा के सदस्यों, राज्यपाल, स्नातक और शिक्षकों द्वारा चुना जाता है।

एमएलसी (MLC) के चुनाव के लिए विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता हैं। अन्य एक तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों के सदस्यों द्वारा यानी कि नगर पालिका और जिला बोर्ड के सदस्यों चुना जाता है। 1/12 सदस्यों को राज्य के शिक्षकों द्वारा किया जाता हैं और शेष 1/12 सदस्यों को स्नातक पास पंजीकृत मतदाताओं द्वारा चुना जाता हैं। इसके कुछ सदस्य राज्यों के राज्यपाल के द्वारा नॉमिनेट किये जाते हैं।

MLC का कार्यकाल 6 साल का होता है। MLC बनने के लिए न्यूनतम उम्र 30 साल होनी चाहिए।

विधान परिषद एक स्थाई सदन है। यह भंग नहीं होता है। इसके एक तिहाई सदस्यों की सदस्यता हर दो साल पर ख़त्म हो जाती है। इनके स्थान पर नए सदस्यों को चुन लिया जाता है।

विधान परिषद के सदस्यों के अधिकार विधान सभा सदस्यों के बराबर होते है। इस सदन का सदस्य भी राज्य  मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री बन सकता है।

PM का फुलफॉर्म (Full form of PM)

PM का Full form Prime Minister होता है। हिंदी में इसका मतलब प्रधानमंत्री होता है।

full form of PM Prime Minister

PM के बारे में (About PM)

प्रधानमंत्री भारत सरकार का सबसे महत्वपूर्ण पद है। प्रधानमंत्री भारत सरकार का वास्तविक प्रधान होता है।

प्रधानमंत्री लोकसभा में बहुमत दल का नेता होता है। वर्त्तमान में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरु थे।

भारत के संविधान में प्रधानमन्त्री के निर्वाचन और नियुक्ति के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नहीं दी गयी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 केवल यह कहता है कि प्रधानमन्त्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी खास योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। कोई भी व्यक्ति जो राज्यसभा या लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता है वह देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।

प्रधानमंत्री का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा नहीं किया जाता है। देश की जनता यानी मतदाता लोकसभा के सदस्यों का चुनाव करते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ते हैं। वर्तमान में 543 सदस्यों का चुनाव देश की जनता द्वारा किया जाता है। जिस दल या गठबंधन को बहुमत यानी 272 सीट मिलता है उस दल या गठबंधन के नेता को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री नियुक्त करते है।

प्रधानमंत्री को भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है। प्रधानमंत्री अपने साथ एक कैबिनेट का चयन भी करता है और उसकी सिफारिश पर ही राष्ट्रपति अन्य केन्द्रीय मंत्रियों को पद की शपथ दिलाते है। हालाँकि किस मंत्री को कौन-सा मंत्रालय दिया जायेगा इसका फैसला प्रधानमंत्री करता है।

नोट: प्रधानमंत्री का कार्यकाल उतना समय तक ही होता है जितना समय तक उसके पास लोकसभा में बहुमत होता है।

CM का फुलफॉर्म (Full form of CM)

CM का Full form Chief Minister होता है। हिंदी में इसका मतलब मुख्यमंत्री होता है।

full form of CM Chief Minister

CM के बारे में (About CM)

भारत के प्रत्येक राज्य में एक मुख्यमंत्री होता है। मुख्यमंत्री राज्य का मुख्य प्रशासक होता है। यह राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान होता है। यह राज्य विधान सभा के बहुमत दल का नेता होता है।

मुख्यमंत्री बनने के लिए किसी ख़ास योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। कोई भी व्यक्ति जो विधानसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता है वह मुख्यमंत्री बन सकता है।

मुख्यमंत्री का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा नहीं किया जाता है। प्रत्येक पांच वर्ष पर राज्य विधान सभा का चुनाव होता है। जनता विधानसभा के सस्दयों का चुनाव करती है। विधानसभा में जिस दल को बहुमत मिलता है उस दल के नेता को राज्यपाल सरकार बनाने का न्यौता देते है।

अगर किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलता है तो जिस गठबंधन के पास बहुमत होता है राज्यपाल उस गठबंधन के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करते है।

मुख्यमंत्री को सम्बंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है। मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल अन्य मंत्रियों को शपथ दिलवाते है। मंत्रियों को विभागों का बँटवारा मुख्यमंत्री करता है।
किसी राज्य के विकास की जिम्मेदारी उस राज्य के मुख्यमंत्री पर होती है। इसके अलावा राज्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी होती है।

नोट: मुख्यमंत्री का कार्यकाल उतना समय तक ही होता है जितना समय तक उसके पास विधान सभा में बहुमत होता है।

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