ग्राम पंचायत के कार्य - सम्पूर्ण जानकारी | gram panchayat ke karya

gram panchayat ke karya - ग्राम पंचायत स्थानीय स्व-शासन की एक महत्वपूर्ण इकाई है। ग्रामीण विकास में ग्राम पंचायत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस पोस्ट में आज हम आपको ग्राम पंचायत के कार्य के बारे में बताने वाले हैं। ग्राम पंचायत द्वारा किए जाने वाले ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जलापूर्ति, कृषि, पशुपालन आदि से सम्बंधित सभी कार्यों की जानकारी आपको मिलेगी।

अक्सर परीक्षाओं में ग्राम पंचायत के दो, तीन या चार कार्य लिखने को कहा जाता है इसलिए यह पोस्ट परीक्षा की दृष्टि से भी काफी उपयोगी है। उससे पहले हम ग्राम पंचायत के बारे में जान लेते हैं।

ग्राम पंचायत के कार्य

ग्राम पंचायत क्या है ?

ग्राम पंचायत ग्रामीण भारत में एक स्थानीय स्वशासन संस्था है। यह पंचायती राज व्यवस्था का सबसे निचला स्तर है, जो भारत में ग्रामीण स्थानीय सरकार की व्यवस्था है।

पंचायती राज व्यवस्था देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाली शासन प्रणाली है। पंचायत राज को गाँव की स्थानीय सरकार की तरह जाना जाता है।

ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना करने के लिये 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थान को संवैधानिक स्थिति प्रदान की गई और उन्हें देश में ग्रामीण विकास का कार्य सौंपा गया।

वर्ष 1993 में 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति (प्रखंड स्तर पर) और ज़िला परिषद (ज़िला स्तर पर) शामिल हैं।

73वें संविधान संशोधन के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायती राज में प्रारम्भिक स्तर की संस्था ''ग्राम पंचायत'' सबसे महत्वपूर्ण संस्था है।

स्थानीय मामलों को संचालित करने और प्रशासित करने के लिए प्रत्येक गाँव या गाँवों के समूह के लिए ग्राम पंचायतें स्थापित की जाती हैं। वे जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक संस्थानों के रूप में कार्य करते हैं जिनका उद्देश्य ग्रामीण समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं और चिंताओं को संबोधित करना है। ग्राम पंचायतों का प्राथमिक उद्देश्य स्थानीय विकास को बढ़ावा देना, आवश्यक सेवाएं प्रदान करना और ग्राम स्तर पर सुशासन सुनिश्चित करना है।

लगभग पाँच से सात हजार की आबादी पर ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है। ग्राम पंचायत में एक या एक से अधिक गाँव शामिल हो सकते हैं।

ग्राम पंचायत का प्रधान मुखिया कहलाता है। हमारे देश में गांव के मुखिया को ग्राम प्रधान, सरपंच आदि के नाम से जाना जाता है। बिहार और झारखंड में गांव के प्रधान को मुखिया कहते हैं।

मुखिया संबंधित ग्राम पंचायत के सभी मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से बहुमत के आधार पर निर्वाचित होते हैं।

ग्राम सभा और ग्राम पंचायत से जुड़े सभी कार्यों का निर्वहन करने की जिम्मेदारी मुखिया की होती है।

मुखिया, उपमुखिया और सभी वार्ड सदस्यों को मिलाकर ग्राम पंचायत का गठन होता है। पंचायत सदस्य सामूहिक रूप से ग्राम पंचायत बनाते हैं, जो बुनियादी ढांचे के विकास, जल आपूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कृषि गतिविधियों, सामाजिक कल्याण और स्थानीय कराधान जैसे विभिन्न मामलों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होते है।

सभी ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी है कि वे ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाएं और गांव के विकास को बढ़ावा दें।

ग्राम पंचायत के कार्य

ग्राम पंचायत के कार्य निम्नलिखित हैं -

1. सामान्य कार्य 

(i) पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजनाओं को तैयार करना

(ii) ग्राम पंचायत के लिए वार्षिक बजट तैयार करना

(iii) प्राकृतिक आपदा में सहायता प्रदान करना

(iv) सार्वजनिक संपत्ति पर से अवैध अतिक्रमण हटाना 

(v) सामुदायिक कार्यों में सहयोग करना

(vi) गाँव से सम्बंधित अनिवार्य आँकड़ों को इकट्ठा करना और उनका संहिताकरण करना

2. कृषि संबंधी कार्य 

(i) कृषि और बागबानी का विकास एवं उन्नति करना

(ii) बंजर भूमि का प्रबंधन, उपयोग एवं उपजाऊ भूमि के रूप में विकास करना

(iii) चारागाह का विकास और उसका संरक्षण

3. पशुपालन संबंधी कार्य

(i) पशुपालन को बढ़ावा देना

(ii) गौशाला, कुक्कुटपालन, सूअरपालन, मत्स्यपालन के लिए उचित उपाय करना

(iii) मवेशी की नस्ल, कुक्कुट और अन्य पशुधन की नस्ल में सुधार

4. वन संबंधी कार्य

(i) सड़कों के किनारे एवं अपने नियंत्रणाधीन अन्य सार्वजनिक भूमि पर वृक्षारोपण करना

(ii) ईंधन के लिए वृक्षारोपण और चारा विकास

(iii) वन आधारित उद्योगों का विकास

5. सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़े कार्य

(i) गरीबों के लिए घरों का निर्माण करना 

(ii) क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था करना 

(iii) ग्रामीण सड़कों, नालियों, तालाबों, कुओं तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों की सफाई की व्यवस्था करना

(iv) सार्वजनिक जगहों, सड़कों, गलियों और अन्य स्थानों पर रोशनी की व्यवस्था करना

(v) सड़क, भवन, नाली, पुलिया आदि का निर्माण कराना और उनकी देखभाल करना

(vi) बाजार एवं मेले का संचालन तथा पर्व-त्योहारों को मनाने की व्यवस्था करना

(vii) गैर-परंपरागत एवं अन्य ऊर्जा साधनों का विकास करना

(viii) सार्वजनिक शौचालयों, श्मशानों और कब्रगाहों का निर्माण तथा देखभाल करना

6. उद्योग विकास संबंधी कार्य

(i) ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना

(ii) उद्योग को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक प्रदर्शनी का आयोजन करना

7. लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी कार्य

(i) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था करना

(ii) परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना

(iii) महामारियों से निपटना और उनके उपचार की व्यवस्था करना

(iv) सार्वजनिक प्रतिरक्षण कार्यक्रमों को सफल बनाना

(v) स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उद्योग पर रोक लगाना

8. शिक्षा संबंधी कार्य

(i) प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा को बढ़ावा देना

(ii) लोगों में शिक्षा के प्रति जागृति उत्पन्न करना

(iii) वयस्क एवं अनौपचारिक शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्वशिक्षा अभियान को सफल बनाना

(iv) ग्रामीण पुस्तकालय एवं वाचनालय का संचालन करना

(v) सांस्कृतिक एवं खेलकूद कार्यकलापों को बढ़ावा देना 

9. सामाज कल्याण से जुड़े कार्य

(i) महिला एवं बाल कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना

(ii) शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के कल्याण के लिए उचित कदम उठाना

(iii) वृद्धावस्था तथा विधवा पेंशन योजनाओं को लागू करना

(iv) कमजोर वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कदम उठाना

(v) जनवितरण प्रणाली को सफल बनाना एवं इससे लोगों को लाभान्वित करना

10. अन्य कार्य

(i) धर्मशालाओं, छात्रावासों, खटालों, ठेला स्टैंड, कसाईखाना, सार्वजनिक पार्क एवं खेलकूद के मैदानों का निर्माण एवं देखरेख

(ii) कूड़ादानों, झोपड़ियों एवं छायास्थलों का निर्माण तथा उनकी देखरेख करना

(iii) छोटे-मोटे विवादों का निपटारा करना

(iii) सरकार द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों को संपन्न करना

ग्रामीण भारत में ग्राम पंचायतें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित करने वाले कई प्रकार के कार्यों और व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार हैं। अगर प्रभावी ढंग से सभी साथ मिलकर काम करें तो ग्राम पंचायतें ग्रामीण भारत के विकास में वास्तविक बदलाव ला सकती हैं।

उम्मीद है अब आप ग्राम पंचायत के सभी कार्य के बारे में अच्छी तरह से जान गए होंगे।

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