संस्कृत में चित्र वर्णन करना सीखिए - Chitra varnan in Sanskrit

Chitra Varnan in Sanskrit - चित्र वर्णन शब्दों में लिखकर चित्र या छवि का वर्णन करने की प्रक्रिया है। आज हम आपको संस्कृत में चित्र वर्णन करना सिखाएंगे।

संस्कृत में चित्र वर्णन - Chitra varnan in Sanskrit

चित्र वर्णन क्या है?

चित्र वर्णन एक प्रकार का लेखन है जो शब्दों में किसी चित्र का वर्णन करता है। अर्थात् किसी चित्र को देखकर अपने शब्दों में वर्णन करने को चित्र वर्णन कहते है।

यह एक लेखन कौशल है जो संस्कृत की कक्षाओं में प्राथमिक या माध्यमिक स्तर पर सिखाई जाती है। चित्र वर्णन का उपयोग आमतौर पर संस्कृत की कक्षाओं में छात्रों को उनकी शब्दावली और व्याकरण को सुधारने के लिए किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण कौशल है जिसके द्वारा छात्र संस्कृत भाषा को अच्छी तरह से जान सकते है।

आज हम आपको कुछ उदाहरण के द्वारा संस्कृत में चित्र वर्णन करना सिखाएंगे। इस पोस्ट के माध्यम से आप किसी सरल, आसान और शुद्ध भाषा में चित्र वर्णन करना सीख जाएंगे।

चित्र वर्णन कैसे करे?

चित्र वर्णन कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है। इसे आप बहुत ही आसानी से कर सकते है। संस्कृत में चित्र वर्णन करने के लिए निम्नलिखित चरण अपनाएं -

  1. चित्र को ध्यान से देखें।
  2. चित्र का पहला वाक्य वह बनाएँ जहाँ का वह चित्र हो। जैसे - विद्यालय का, घर का, खेल के मैदान का, बगीचे का कार्यालय का आदि।
  3. चित्र में मौजूद चार-पाँच वस्तुओं को पहचाने जिनके नाम आप संस्कृत में जानते हों और उन्ही पर आधारित सरल वाक्य बनाए।
  4. चित्र वर्णन के प्रश्न में कुछ शब्द सहायता के लिए दिए जाते है, उसे मञ्जूषा (मंजूषा) कहते है। मंजूषा में दिए गए वैसे शब्दों का प्रयोग करें जिसे आप जानते हो।

चित्र वर्णन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-

  1. चित्र से सम्बंधित ही वर्णन करें - ऐसे वाक्यों का प्रयोग करें जो चित्र से सम्बंधित हो।
  2. व्याकरण की शुद्धता पर ध्यान दें - चित्र वर्णन करते समय प्रयुक्त शब्द और वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध होना चाहिए।

उदाहरण

उदाहरण 1.

प्रश्न - मंजूषायां प्रदत्त शब्दानां सहायतया चित्रं दृष्टवा पंचवाक्यानि लिखत।

Chitra varnan in Sanskrit example 1

मंजूषा - वनस्य, वृक्षाः, नदी, खगाः, पुष्पाणि, गजः, जलम्, तृणं

उत्तर

१. इदं चित्रं वनस्य अस्ति।
२. अस्मिन् चित्रे वृक्षाः सन्ति।
३. अस्मिन् चित्रे नदी अस्ति।
४. अस्मिन् चित्रे खगाः सन्ति।
५. अस्मिन् चित्रे पुष्पाणि सन्ति।

उदाहरण 2.

प्रश्न - मंजूषायां प्रदत्त शब्दानां सहायतया चित्रं दृष्टवा पंचवाक्यानि लिखत।

Chitra varnan in Sanskrit example 2

मंजूषा - सिञ्चति, जलप्रपातः, पुष्पाणि, वृक्षाः, फलानि, मालाकारः, उपवनम्

उत्तर

१. इदं चित्रे एकम् सुन्दर उपवनम् अस्ति।
२. अस्मिन् चित्रे एकः जलप्रपातः सन्ति।
३. अस्मिन् चित्रे अनेके वृक्षाः सन्ति।
४. अस्मिन् चित्रे अनेकानि पुष्पाणि अपि सन्ति।
५. चित्रे मालाकारः पुष्पाणि सिञ्चति।

उदाहरण 3.

प्रश्न - अधोलिखितं चित्रं वर्णयन् संस्कृतेन पंचवाक्यानि लिखत।

Chitra varnan in Sanskrit example 3

मंजूषा - बालिका, बालकाः, खगाः, आकाशे, उद्यानम्, मयूरः

उत्तर

१. अस्मिन् चित्रे उद्यानम् अस्ति।
२. अत्र बालकाः क्रीडन्ति। 
३. एका बालिका पठति। 
४. आकाशे खगाः उड्डयन्ति।
५. एकः मयूरः अस्ति।

उदाहरण 4.

प्रश्न - अधोलिखितं चित्रं वर्णयन् संस्कृतेन पंचवाक्यानि लिखत।

Chitra varnan in Sanskrit example 4

मंजूषा - छात्राः, वृक्षारोपणं, वृक्षाः, खगाः, जलेन, उत्पतन्ति, सिञ्चन्ति, आकाशे

उत्तर

१. इदं चित्रं वृक्षारोपणस्य अस्ति।
२. अस्मिन् चित्रे खगाः आकाशे उत्पतन्ति।
३. छात्राः पादपान् जलेन सिञ्चन्ति।
४. अस्मिन् चित्रे छात्राः वृक्षारोपणं कुर्वन्ति। 
५. अस्मिन् चित्रे वृक्षाः सन्ति।

उदाहरण 5.

प्रश्न - मंजूषायां प्रदत्त शब्दानां सहायतया चित्रं दृष्टवा पंचवाक्यानि लिखत।

Chitra varnan in Sanskrit example 5

मंजूषा - नदी, जनाः, तरन्ति, वार्तालापं, क्रीडत:, नदीतीरे, वृक्षः, वृक्षस्य, व्यायामम् , अधः, नद्यां, शीतलम्, जलम्

उत्तर - यह प्रश्न आपके लिए है। ऊपर दिए गए चित्र का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

आप अभ्यास के माध्यम से चित्र वर्णन के कौशल को बेहतर कर सकते है। उम्मीद है ऊपर दिए गए तरीके और उदाहरणों के द्वारा आप संस्कृत में चित्र वर्णन करना सीख गए होंगे।

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