वर्ण विक्षेपण क्षमता से आप क्या समझते हैं ?

भौतिकी विषय की परीक्षा में अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है - वर्ण विक्षेपण क्षमता से आप क्या समझते हैं ? आज हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं।

इस पोस्ट को पढ़ने के बाद वर्ण विक्षेपण क्षमता और इसका परिभाषा एवं सूत्र को अच्छी तरह से जान जाएंगे।

वर्ण विक्षेपण क्षमता

वर्ण विक्षेपण क्षमता को समझने से पहले हमें वर्ण विक्षेपण को समझना होगा। सबसे पहले हम जान लेते हैं कि वर्ण विक्षेपण क्या हैं?

वर्ण विक्षेपण - जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है तो वह अपवर्तन के पश्चात् प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बँट जाता है। श्वेत प्रकाश का अपने अवयवी रंगों में विभक्त होना वर्ण विक्षेपण कहलाता है।

प्रिज्म द्वारा वर्ण विक्षेपण

सूर्य के प्रकाश से प्राप्त रंगों में बैंगनी रंग का विक्षेपण सबसे अधिक एवं लाल रंग का विक्षेपण सबसे कम होता है।

न्यूटन ने यह पाया कि भिन्न-भिन्न रंग भिन्न-भिन्न कोणों से विक्षेपित होते हैं।

वर्ण विक्षेपण क्षमता प्रिज्म द्वारा प्रकाश के विभिन्न वर्णों को विक्षेपित करने की क्षमता का माप हैं।

वर्ण विक्षेपण क्षमता का परिभाषा

किन्हीं दो रंगों की किरणों का कोणीय वर्ण विक्षेपण और माध्य किरण के विचलन का अनुपात उन रंगों के लिए प्रिज्म का वर्ण विक्षेपण क्षमता कहलाता हैं। इसे ω (ओमेगा) से सूचित किया जाता हैं।

माध्य किरण वह किरण है, जिसका अपवर्तनांक उन दो रंगों की किरणों के अपवर्तनाको के औसत के बराबर होता है। सामान्यतः पीले रंग के किरण को माध्य किरण के रूप में लिया जाता है।

वर्ण विक्षेपण क्षमता का सूत्र

वर्ण विक्षेपण क्षमता का सूत्र

वर्ण विक्षेपण क्षमता = बैंगनी और लाल रंग की किरणों का कोणीय वर्ण विक्षेपण / माध्य किरण (पीले रंग की किरण) का विचलन-कोण

ω = θ/δy = (δv – δr)/δy ------ (i)

जहाँ, δv = बैंगनी रंग का विचलन, δr = लाल रंग का विचलन एवं δy = पीले रंग का विचलन

हम जानते है -

δv = (μv-1)A

δr = (μr-1)A

δy = (μy-1)A

जहाँ μv, μr व μy क्रमशः बैंगनी, लाल व पीले रंग की किरणों के लिए प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक तथा A प्रिज्म का कोण है।

समीकरण (i) मे मान रखने पर,

ω = (μv-1)A – (μr-1)A / (μy-1)A

ω = (μv – μr)A / (μy-1)A

ω = (μv – μr) / (μy-1)

वर्ण विक्षेपण क्षमता पारदर्शी वस्तुओं का एक महत्वपूर्ण गुण है।  इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के ऑप्टिकल उपकरणों जैसे स्पेक्ट्रोमीटर और टेलीस्कोप में किया जाता है।  इसका उपयोग इंद्रधनुष जैसे कुछ प्रकाशीय घटनाओं में भी किया जाता है।

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