साल 2010 में राजीव दीक्षित की रहस्यमयी तरीके से मौत हो जाती हैं। आज हम आपको इस पोस्ट में बताने वाले हैं - राजीव दीक्षित की मृत्यु का रहस्य: उनकी मौत कब, कहाँ और कैसे हुई? उनकी मौत को रहस्यमयी क्यों मानी जाती हैं?
आपने राजीव दीक्षित को यूट्यूब या फेसबुक पर देखा या उनके बारे में अवश्य सुना होगा। आइये सबसे पहले उनके बारे में जानते हैं।
![rajiv dixit rajiv dixit](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi6Bjwj-rPuEOL_e3XdJYQy6jm1hnPpzUw80CGstLddXWk-WzGlJOUEqTX5P2_awpREWBOwyxASQtfCT1MrVpOrjoF_bF6hectDQw8NzG7NFwOJk0ufKMgV45DxQ4BXs2iS9cBelYO3BXDE/s640/rajiv-dixit.jpg)
राजीव दीक्षित भारत में स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार-प्रसार करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। वो आजादी बचाओ आन्दोलन के संस्थापक थे। बाबा रामदेव ने उन्हें भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) के राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा था, जिस पद पर वे अपनी मृत्यु तक रहे।
वो एक प्रखर वक्ता थे। उनमे बोलने की अद्भुत कला थी। जब वो भाषण देते थे हजारो लोग सुनने आते थे। आज भी लोग उनके videos को काफी पसंद करते है और उनके भाषणों के videos पर लाखो की संख्या में views होते है। अपने भाषणों में वो स्वदेशी जीवन पद्धति को अपनाने की बात करते थे और लोगो को इसके लिए प्रेरित करते थे।
वो भारत से विदेशी कंपनियों को भागना चाहते थे। उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ बहुत संघर्ष किया। उन्हें लगता था कि भारत आज भी विदेशी ताकतों का गुलाम है। वह भारतीय स्वतंत्रता के समर्थक थे और भारत में स्वाभिमान आन्दोलन, आजादी आन्दोलन और स्वदेशी आन्दोलन के माध्यम से देश में जागरूकता फ़ैलाने के लिए क्रियाशील थे। उन्होंने राजनितिक व् आर्थिक मुद्दों के अलावा भारत के स्वदेशी चिकित्सा पद्धति का भी प्रचार प्रसार किया।
राजीव दीक्षित कौन थे?
![राजीव दीक्षित कौन थे ? rajiv dixit biography](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgsU5gAd0qQk4S859b4Vtu7NMor0PiyyAgu7b3qtcX44Ang0v5OduRFF7mnTFn0g5yE9IjLPyc-6dHeeoKaX4GBCcSUgqE_jX9rmCIJi49LuyEg9jwZT5c3sOOoFeoRA9eRfyibxCwHb3Yu/s640/who-was-rajiv-dixit.jpg)
राजीव दीक्षित का पूरा नाम राजीव राधेश्याम दीक्षित था। ये राजीव भाई के नाम से जाने जाते है। राजीव दीक्षित का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद की अतरौली तहसील के नाह गाँव में 30 नवम्बर 1967 को हुआ था। इनके पिता का नाम राधेश्याम दीक्षित था। इनकी माता का नाम मिथिलेश कुमारी था।
राजीव दीक्षित ने अपना बचपन गाँव नाह में ही बिताया था। यही से उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा ली थी।
इनके दादाजी भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे सक्रिय थे जिन्होंने कई स्वदेशी आंदोलनों में भाग लिया था। राजीव दीक्षित के पिताजी BTO ऑफिसर थे। राजीव दीक्षित के परिवार में उनके छोटे भाई प्रदीप दीक्षित और बहन लता शर्मा है।
राजीव दीक्षित की Wife कौन थी ?
अक्सर गूगल पर और यूट्यूब पर लोग सर्च करते है - Rajiv dixit wife लेकिन आज हम आपको ये बता देते है की राजीव ब्रह्मचारी थे। उन्होंने कभी शादी नहीं की।
राजीव दीक्षित की शिक्षा (Education of Rajiv Dixit)
राजीव जी की इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई। राजीव दीक्षित ने अपनी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद से ली थी।
इंटरनेट पर इनके इंटरमीडिएट के बाद की पढाई को लेकर अलग अलग तरह की जानकारियाँ मौजूद है। इनके शिक्षा को लेकर कई दावे है।
विकिपीडिया पर मौजूद जानकारी के अनुसार,इन्होने फिरोजाबाद से इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त इलाहाबाद से B.tech तथा Indian Institute of Technilogy कानपूर (IIT kanpur) से M.tech की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने कुछ समय भारत के CSIR (The Council of Scientific and Industrial Research) तथा फ्रांस के Telecommunication centre में काम भी किया। इसके बाद वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ॰ ए पी जे अब्दुल कलाम के साथ जुड़ गये। इसी बीच उनकी प्रतिभा के कारण CSIR में कुछ परियोजनाओ पर काम करने और विदेशो में शोध पत्र पढने का मौका भी मिला।
इसके अलावा कुछ वेबसाइट पर उनके उच्च शिक्षा से जुडी जानकारी के अनुसार, अपनी उच्च माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वो इलाहाबाद B.Tech पढने के लिए गये। इलाहाबाद में उन्होंने JK इंस्टिट्यूट नामक कॉलेज से उन्होंने B.tech की डिग्री ली और बाद में M.Tech की डिग्री ली थी। इस दौरान भोपाल गैस हत्याकांड से काफी पीड़ित हुए थे जिसकी वजह से उन्होंने बी.टेक बीच में रोक दी लेकिन इसे बाद में पूरा करके उन्होंने अपनी शिक्षा पुरी की थी।
नीचे इनके शिक्षा से जुड़ी हर दावे की सच्चाई बताई गई है।
![राजीव दीक्षित की शिक्षा rajiv dixit educational details](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiOpp-uHVZcvagU85kxfgw-Z-U_EykgUBlq47OphFAfYBVbK3_yngeLo-HK-aFyRSn_FttqBjurBTJqTUj78gqGf3PKod4Lz-0ZnQes5agaaMye4hF551l89LbYzr7EhDgw1yRg5L9zVyN7/s640/rajiv-dixit-education.jpg)
प्रो० धर्मपाल को राजीव जी अपना गुरु मानते थे। प्रो० धर्मपाल एक इतिहासकार थे। प्रो० धर्मपाल जी ने बहुत सारे प्रश्नों और समस्याओं को सुलझाने में राजीव भाई की मदद की थी। उन्होंने राजीव दीक्षित को बहुत सारे दस्तावेज और किताबे उपलब्ध करवाई जो England के House of Commons के पुस्तकालय मे रखे हुए थे। इन दस्तावेजों और किताबो मे संपूर्ण वर्णन था कि अंग्रेजों ने कैसे भारत को गुलाम बनाया ? राजीव जी ने उसका गहराई से अध्ययन किया। अध्ययन के बाद उन्होंने ये यह निष्कर्ष निकाला कि इतिहास में आज तक जो भी पढ़ाया जा रहा है उसमे बहुत सारी चीजें गलत है। इसके बाद इन्होने देश को जागरूक करने के उद्देश्य से गाँव-गाँव घूमकर लोगो को स्वदेशी का महत्त्व बतलाया।
वे भगत सिंह, उधम सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान क्रांतिकारियों से काफी प्रभावित थे और उन्हें अपना आदर्श भी मानते थे। जब उन्होने महात्मा गाँधी को पढ़ा तो वो उनसे काफी प्रभावित हुए। वे एक सच्चे गांधीवादी थे।
राजीव दीक्षित का भाषण, व्याख्यान (Rajiv Dixit Speeches)
दीक्षित ने 20 वर्षों में लगभग 12000 से अधिक व्याख्यान दिये। वे गाँव से लेकर शहर तक भारत के हर हिस्से में लोगो को स्वदेशी का सन्देश देते थे। वो अपने भाषणों में इतिहास में हुई गलतियों से लेकर आज की राजनैतिक स्थिति पर लोगो को जागरूक करते थे। उन्होंने 2009 में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का दायित्व सँभाला।
1984 में भोपाल त्रासदी के बाद उन्होंने भारत से विदेशी कंपनियों को भगाने के लिया स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की। भारत मे 5000 से अधिक विदेशी कम्पनियों के खिलाफ उन्होंने स्वदेशी आन्दोलन की शुरुआत की। उनका ऐसा मानना था कि इन कंपनियों ने अपने देश में धन को कम कर दिया है, जिससे भारत और गरीब होता जा रहा है।
दीक्षित ने सुझाव दिया था कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय को स्विस बैकों में जमा भारतीय काली सम्पति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देनी चाहिए।
वो अपने भाषणों में लोगो को स्वदेशी चिकित्सा से भी अवगत कराते थे। उन्होंने हर रोग का मूल कारण के साथ साथ उसका घरेलु उपाय भी बताया।
राजीव दीक्षित के दावे
राजीव दीक्षित अपने भाषणों मे कई दावे करते थे। कुछ इतिहास से जुड़े तो कुछ राजनीती से। कुछ दावे विज्ञान से तो कुछ दावे बॉलीवुड के। नीचे ऐसे ही कुछ दावे है।
![राजीव दीक्षित के दावे राजीव दीक्षित के दावे](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGAMvyfQMocDJdUfbRo3zQtIFFHO8y83S0cj98Nbjo8TDZJzgyZxmXsVf0vtie5FKSHJeD7Ssd9XTIHDKxoqYPSIEP-yOjv0CHS63L8Qo5WFZ54n8Zc2RpE0yLHYTPI4FqsJMh95Pf4qrH/s640/rajiv-dixit-bhashan.jpg)
1. उनके अनुसार गाय के गोबर से बने साबुन से नहाने के 10 मिनट बाद शरीर से खुशबू आने लगती है। पुराने समय में राजा यज्ञ से पहले गोबर से नहाते थे और राम को भी ऐसा ही करना पड़ा था। हमें विदेशी कंपनियों के साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए ताकि हमारे देश का पैसा देश में ही रहे।
2. उन्होंने अपने एक व्याख्यान में दावा किया कि एक बार जब वो धर्मेंद्र के बुलावे पे महाराष्ट्र में व्याख्यान देने गए तो उन्होंने जब हेमा मालिनी से पूछा कि क्या आप लक्स साबुन से नहाते है ? तो हेमा मालिनी ने जवाब दिया कि मै लक्स से नहीं नहाती बल्कि बेसन में मलाई डालकर नहाती हूँ। इस पर राजीव दीक्षित ने पूछा कि आप ये बात पूरे देश को क्यों नहीं बता देती तो हेमा मालिनी ने जवाब दिया कि अगर बता दिया तो सारी औरते हेमा मालिनी जितनी खूबसूरत हो जाएंगी।
3. राजीव दीक्षित का मानना था कि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी कोई हादसा नहीं, बल्कि अमेरिका द्वारा किया गया एक परीक्षण था, जिसमें भारत के गरीब लोगों को शिकार बनाया गया। उन्होंने लंबे समय तक इस हादसे की जिम्मेदार कंपनी यूनियन कार्बाइड के खिलाफ प्रदर्शन किया।
4. राजीव दीक्षित का ये भी मानना था कि अमेरिका में हुआ 9/11 हमला खुद अमेरिका ने ही करवाया था। अमेरिका में लोन लैंटर्न सोसाइटी ने इस बात को उठाया था और राजीव दीक्षित इसका समर्थन करते थे।
5. राजीव दीक्षित के मुताबिक Unilever कंपनी का नाम बदलकर Hindustan Unilever इसलिए कर दिया गया ताकि भारतीयों को बेवकूफ बनाया जा सके। नए नाम की वजह से भारतीयों को लगेगा कि ये एक भारतीय कंपनी है और वो इसका सामान खरीदने मे हिचकेंगे नहीं।
6. राजीव दीक्षित का दावा था कि Nestle Company के प्रोडक्ट Maggie में सुअर के मांस का रस मिलाया जाता है और उसकी चर्बी का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा कोका कोला में तेजाब होने का भी दावा करते थे।
7. राजीव दीक्षित ने अपने एक व्याख्यान मे यह दावा किया कि अमिताभ बच्चन ने उनके साथ बातचीत में ये स्वीकार किया था कि उनकी आँत Pepsi पीने की वजह से खराब हो गई थी जिसके बाद ऑपरेशन करना पड़ा था। राजीव के मुताबिक अमिताभ ने ये भी कहा कि इसी वजह से उन्होंने पेप्सी पीना और इसका प्रचार करना बंद कर दिया।
8. राजीव दीक्षित ने अपने एक व्याख्यान में पं जवाहर लाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर एक दावा किया था। उनके मुताबिक नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और एडविना एक ही कॉलेज में पढ़े थे और एडविना से दोनों लगे हुए थे। एडविना इतनी चालाक महिला थी कि दोनों को हैंडल करती थी। जिन्ना और नेहरू चरित्र के बेहद हल्के आदमी थे। एडविना के पास नेहरू की आपत्तिजनक तस्वीरें थी, जिनके आधार पर नेहरू को ब्लैकमेल करके भारत का बंटवारा कराया गया।
9. राजीव का दावा था कि ममता बनर्जी बीफ खाती है। बीफ खाने की वजह से ही ममता ने अटल बिहारी वाजपेयी को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने देश में या पश्चिम बंगाल में बीफ बैन कराया तो वो वाजपेयी सरकार गिरवा देंगी।
10. राजीव दीक्षित के मुताबिक अमेरिका जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा करना चाहता है। इसी वजह से वो पाकिस्तान को पैसा देता है ताकि पाकिस्तान आतंकवाद को पाल सके और कश्मीर मसले पर भारत की नाक में दम कर सके।
कुछ अनमोल विचार (Rajiv Dixit Quotes in Hindi)
- जब परिवर्तन होता है तो शुरू में किसी को भरोसा नहीं होता लेकिन बाद में वो हो जाता हैं।
- व्यक्ति मरने से नहीं डरता हैं, मरने से पहले आने वाले दर्द से डरता हैं।
- देश के राज नेताओं की भूल आज देश भुगत रहा है।
- देश के लिए वही व्यक्ति संकल्प ले सकता हैं, जिसकी आत्मशक्ति मजबूत हो।
- अगर आप विदेशियों पर निर्भर है, प्रावलम्बी है, तो आप दुनिया में कोई ताकत हासिल नहीं कर सकते।
- केवल स्वदेशी नीतियों से ही देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता हैं।
- मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी, मर जाऊं तो भी मेरा होवे कफ़न स्वदेशी
- जब भारत में कोई विदेशी कम्पनी नही थी तब भारत सोने की चिड़िया था।
- भारत की मूर्ख सरकारे आज तक भी अंग्रेजों के बनाये गये क़ानून को बदल नहीं पाई।
- भारत को अंग्रेजों के क़ानून रद्द करके भारत की व्यवस्थाओं और अपने देश के अनुसार क़ानून बनाने चाहिए।
राजीव दीक्षित का बाबा रामदेव से संबंध
![राजीव दीक्षित का बाबा रामदेव से संबंध rajiv dixit with baba ramdev](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgD7SJ35OquiYZhLkCXuOwPWffhC5JgBbK5yW-yJkYQpQy1TW8VpE6GB_oeBWUwoKciptS-gUAzBMU5Ea2Wbbe2cFhcvebgYYVC9af8UyOVMidcRhZKX367MtLWnM32N-kqq8OwddpIrQIa/s640/rajiv-dixit-and-baba-ramdev.jpg)
जब बाबा रामदेव को पूरा देश जानना शुरू कर रहा था तब बाबा रामदेव के साथ एक शख्स खड़ा रहता था वह शख्स कोई और नहीं बल्कि राजीव दीक्षित थे। बाबा रामदेव ने स्वदेशी के नाम पर जो खरबो का बिज़नेस खड़ा कर रखा है उस स्वदेशी आंदोलन का शिल्पकार राजीव दीक्षित थे।
वर्ष 1999 में राजीव दीक्षित की मुलाकात योग गुरु बाबा रामदेव से हुई। उस समय बाबा रामदेव पूरे देश में योग को फैलाने का कार्य कर रहे थे। बाबा रामदेव राजीव दीक्षित से काफी प्रभावित हुए। उन्हें राजीव का विचार काफी अच्छा लगा।
दस वर्ष बाद 2009 में दोनों ने मिलकर भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना की। राजीव को भारत स्वाभिमान का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। 1 अप्रैल 2009 को भारत स्वाभिमान का उद्घाटन हुआ जिसका प्रसारण पूरे देश में आस्था टीवी चैनल पर किया गया था। जिसके कारण राजीव दीक्षित की लोकप्रियता मे काफी बढ़ोतरी हुई।
राजीव दीक्षित की मृत्यु कैसे हुई? (Death of Rajiv Dixit)
![राजीव दीक्षित की मृत्यु कैसे हुई ? rajiv dixit death](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiA_0qNRctSyKyQ5a95kYqQ5EIpzn8jZT6S5HSESt9yDcASoj3QrDxR-uLUJHhxHqMTc9bAm3anXvNwNAr2LcmPyqYQPYC2woylAchJr52tNOEWD926I1f2HvTCj1xv1oFYH0MxKRvkAPiO/s640/rajiv-dixit-death.jpg)
30 नवंबर 2010 को राजीव दीक्षित की मौत हो गई। उनकी मृत्यु का यह दिन उनका 43वां जन्मदिन था। नवंबर के अंत में वो स्वाभिमान आंदोलन के प्रचार-प्रसार व व्याख्यान देने के लिए छत्तीसगढ़ गए थे। 26 से 29 नवंबर तक अलग-अलग जगह व्याख्यानों के बाद जब 30 नवंबर को वो भिलाई पहुंचे, तो वहां उनकी तबीयत खराब हो गई। वहां से दुर्ग जाने के दौरान कार में उनकी हालत बहुत खराब हो गई और उन्हें दुर्ग में रोका गया।
उनको अचानक दिल का दौरा पड़ने की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां से उसके बाद उनको अपोलो अस्पताल में दाखिल किया गया। वहाँ से उनको दिल्ली ले जाने की तैयारी की गई तब डॉक्टरों ने उन्होंने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बाबा रामदेव व वहाँ उपस्थित डॉक्टर्स के अनुसार, दीक्षित ने स्थानीय चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाएँ लेने से इंकार कर दिया था। वो अपना इलाज एलोपैथिक दवाओं से नहीं करवाना चाहते थे।
राजीव दीक्षित की मृत्यु रहस्यमयी क्यों मानी जाती है ?
राजीव दीक्षित की मृत्यु की वजहों पर कई लोग सवाल खड़ा करते है। अभी हाल ही में एक खबर आई थी जिसके मुताबिक राजीव दीक्षित के मृत्यु की जांच होगी। आखिर राजीव दीक्षित की मृत्यु को लोग रहस्य्मयी क्यों मानते है? इसकी कई वजहें है जो नीचे दी गयी है।
1. शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया
राजीव दीक्षित की मौत के वक़्त उनका शव नीला पड़ गया था। इसके बावजूद उनकी मौत पर तत्कालीन जिला प्रशासन ने शव को बिना पोस्टमार्टम कराए ही 1 दिसंबर 2010 को अंतिम संस्कार के लिए हवाई मार्ग से उनके गृहनगर भेज दिया था। राजीव की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गयी। ऐसे में हार्टअटैक से मौत बताए जाने व पोस्टमार्टम नहीं कराए जाने पर सवाल खड़े हो गए थे। जांच की दिशा में इसे गंभीर चूक माना गया।
2. दीक्षित का मृत शरीर देखने वालों को कुछ परेशान कर रहा था। दीक्षित का चेहरा कुछ बदला-बदला या अपरिचित लग रहा था। एक अजीब बैंगनी और नीला रंग। त्वचा कुछ उधड़ी सी लग रही थी। उनकी नाक के आस-पास नीले या काले रंग का खून लगा था। दीक्षित की अचानक मौत और शरीर के अजीब रंग को लेकर लोगों में अफरा तफरी मच गई। जैसे-जैसे लोग बढ़ते गए, दीक्षित की अचानक मौत पर साजिशों की बात होने लगी। कुछ लोग उन्हें जहर से मार दिए जाने की बात करने लगे।
3. लोगो को यह बात भी अजीब लगती है और शक भी पैदा करती है कि राजीव दीक्षित के शव को पतंजलि मे क्यों ले जाया गया ? उनके शव को राजीव दीक्षित के घर सेवाग्राम क्यों नही ले जाया गया ? यह वह जगह थी जहाँ से राजीव दीक्षित ने अपने पूरे जीवन के लिए काम किया था।
4. राजीव दीक्षित की मृत्यु के बाद उनके चाहने वालो ने उनके शव का पोस्टमार्टम न किये जाने पर विरोध प्रकट किया क्योंकि उनका मानना था कि आयुर्वेद को इतना करीब से जानने वाले को दिल का दौरान कैसे पड़ सकता है जबकी वो वर्षो से दिल के दौरे के लक्ष्ण और उपाय बता रहे थे।
राजीव दीक्षित के ट्रस्ट, संगठन व वेबसाइट
राजीव दीक्षित आजादी बचाओ आन्दोलन के संस्थापक थे। 2009 में बाबा रामदेव ने उन्हें भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) के राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा था। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का वेबसाइट bharatswabhimantrust.org है।
इंटरनेट पर राजीव दीक्षित के नाम की कई वेबसाइटे मौजूद है जैसे rajivdixitmp3.com, rajivdixit.in, rajivdixit.net इत्यादि। इन websites पर राजीव दीक्षित के भाषणों की वीडियो और ऑडियो मौजूद है। इसके अलावा इन वेबसाइट पर इनकी किताबे भी मिलती है।
यह आर्टिकल विभिन्न स्त्रोतों जैसे समाचार पत्र, वेबसाइट्स, न्यूज़ पोर्टल, यूट्यूब पर मौजूद videos इत्यादि से जुटाई गई जानकारी के आधार पर प्रकाशित की गई है।